आप से आप होने लगेगी सुख और आनंद की दिव्य बारिश अगर मंत्र-पूजा के मर्म को...

|| श्री राम ||

   सुनें कैसे ?


मंत्र, पूजा, ध्यान आदि का मर्म क्या है और कैसे अपनाएं यह ? अगर यह जान लिया और जीवन में अपना लिया तो धन, दौलत, सुख, समृद्धि आदि की पूर्ति तो आप से आप ही होने लगेगी | मंत्र, तंत्र, पूजा, पाठ, कर्म काण्ड, टोने, टोटके, उपाय आदि सब तो तब बहुत ही छोटे से लगने लगेंगे | 
अपने आध्यात्मिक गुरु सद्श्री अद्वैताचार्य जी महाराज के श्री चरणों में बैठकर जो सीखा, पाया और भोगा वही सब इस वीडियो में दिया है | आखिर जप, तप, पूजा, पाठ, दान, पुण्य आदि करे क्या इंसान ? video में सरलतम रूप से समझाया गया है कि मंत्र, स्तोत्र, चौपाई, दोहा, सोरठा, चालीसा आदि जो कुछ भी कर रहे है उसमें नाद है, अनुनाद है क्या ? शब्द से अनाहत नाद में जा भी रहे हैं ? इनकी 9 अवस्थाओं में से किस अवस्था में पहुँच रहे हैं ? द्वैत वाद में जा रहे हैं या अद्वैतवाद में ? video में यह भी समझाया गया है कि नादाद्वैत और लयाद्वैत में जब इंसान पहुँचने लगता है तो बाहर की समस्त वृत्तियों शून्य होने लगती हैं और 9 प्रकार की ध्वनि अन्तः मन में गुंजन करने लगती हैं |

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https://youtu.be/xG4_xgWqlAg








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