लाल किताब के उपाय - अपनी जन्म अथवा चलित नाम राशि के अनुसार



मानसश्री गोपाल राजू
रूड़की - उत्तराखंड





(अपनी जन्म अथवा चलित नाम राशि के अनुसार)
    अगर आपको अपनी जन्म की राशि ज्ञात नहीं है तो आप अपने चलित नाम की राशि के अनुरूप भी लाल किताब के उपाय अथवा टोटके कर सकते है।

1 अपने हाथ से रोटी गाय को खिलाएं।
2 बाएं हाथ में चांदी का बेजोड़ छल्ला पहनें।
3 अपने पास एक लाल रूमाल रखा करें।
4 छोटे बच्चों में गुड़ तथा चना बांटे।
5. बेटे के जन्म दिन पर मीेठे के स्थान पर नमकीन बांटे।
6. नीम का वृक्ष लगाएं।
7. सोते समय सिरहाने जल से भरा एक पात्र रखें । प्रातः उठते ही वह किसी वृक्ष मे छोड़  दिया करें।
1.  गाय का दान करें।
2.  चांदी का एक चौकोर टुकड़ा नीम के वृक्ष के नीचे दबाएं।
3.  माँ से चावल लेकर चांदी की छोटी सी डिब्बी में अपने पास रखें।
4.  चांदी का छल्ला धारण करें।
5.  घर में गोल पत्तों का मनी-प्लांट लगाएं।
6.  शनिवार के दिन सरसों के तेल का दान करें।
7.  प्रतिदिन देसी घी का दीपक जलाएं।
8.  मूंग की दाल जल प्रवाह करें।
9.  जनवरी और फरवरी माह में चमड़े की कोई भी वस्तु क्रय न करें।

1.  अपनी माँ का आर्शीवाद लिया करें।
2.  नित्य सूर्य को अर्ध्य दें।
3.  मिट्टी के एक पात्र में दूध भरकर कहीं वीराने में दबा दें।
4.  फिटकरी के पानी से कुल्ला करें।
5.  दूध मिश्रित चावल देव को अर्पित करें।
6.  अपनी आयु की संख्या में जीवित मछलियाँ जल में छोड़ें।
7.  मूंग को भिगोकर कबूतरों को खिलाएं।
8.  कांच के हरे रंग की एक बोतल में गंगाजल भरकर कहीं वीराने में दबा दें।
9.  बायें हाथ की कनिष्ठिका उँगली में चांदी का एक छल्ला धारण करें।
1.  माता की सेवा करें। उनसे चावल लेकर चांदी की डिब्बी में भरकर अपने पास रखें।
2.  दुर्गा सप्तशती का पाठ करके कन्याओं को प्रसन्न करें।
3.  चिड़ियों को अपने खाने में से कुछ अवश्य दिया करें।
4.  लाल वस्तुओं का तथा गुड़, गेहूँ और तांबे का दान करें।
5.  अपने सोने के पंलग में तांबे की कील लगाएं।
6.  जब भी नदी पार करें तो उसमें सिक्का प्रवाहित करें।
7.  धार्मिक कार्यों में बढ़-चढ़ कर हिस्सा लें।
8.  धर्म स्थल अथवा मन्दिर में नंगे पैर जाकर क्षमा मांगे।
9.  अच्छा हो यदि विवाह 27 वर्ष की आयु के बाद करें। 

1.  पानी के लिए सार्वजनिक व्यवस्था करें।
2.  कोई भी नया कार्य करने निकलें तो मीठा खाकर प्रस्थान करें।
3.  रात्रि में अग्नि में दूध का छींटा दें।
4.  मांस व शराब का सेवन न करें।
5.  ऐसी गाय को चारा दे जिसके सींग न हों।
6.  खाकी धागे में तांबे का सिक्का बांधकर गले में धारण करें।
7.  अंधे को भोजन करवाएं।
8.  बंदरों को गुड़, चना तथा रोटी खाने को दें।
9.  सदैव दूसरे के हित की सोचें।
10. साले व दामाद की सहायता करें।
1.  मांस एवं मदिरा का सेवन बिल्कुल न करें।
2.  कुत्ते की सेवा करें। उनको सताएं नहीं।
3.  नए वस्त्र धारण करने से पूर्व उनपर गंगा जल छिड़क लिया करें।
4.  मिट्टी का एक घड़ा ढक्कन बन्द करके जल प्रवाह करें।
5.  अपने घर की छत पर 800 ग्राम वर्षा का जल स्थापित करें।
6.  घर में अपनी पूजा का स्थान बार-बार न बदलें।
7.  किसी पर भी क्रोध न करें।
8.  बुध के दिन उपवास रखें।
9.  शनिवार के दिन तेल का दान करें।

1.  भवन के पश्चिम दिशा का थोड़ा भाग कच्चा रखें।
2.  भवन की नींव में चांदी की डिब्बी में शहद भरकर दबा कर रखें।
3.  अपने खाने का कुछ अंश पशु-पक्षियों को दें।
4.  गाय को चारा खिलाया करें और उसकी सेवा करें।
5.  पीली सरसों और जौ का दान करें।
6.  दहेज में कांसे का बर्तन लें।
7.  मन्दिर में देव के नित्य दर्शन किया करें और ईश्वर के प्रति सदैव आस्थावान रहें।
1.  हिरण का चित्र अपने सोने के कक्ष में रखें।
2.  मिट्टी के दो पात्र में शहद तथा सिंदूर भरकर अपने भवन में स्थापित करें।
3.  बड़े भाई यदि हों तो उनकी सेवा करें।
4.  पीपल और बबूल के व़ृक्ष कहीं लगाएं तथा नित्य उनमें जल दिया करें।
5.  लाल रंग के फूल जल में प्रवाह करें।
6.  चीटियों को चीनी और आटा दिया करें।
7.  मोटी रोटी बनाकर उसपर गुड़ रखकर गाय को खिलाएं।
8.  अपने साथ सदैव एक लाल रूमाल रखें।
9.  हनुमान जी की पूजा-अर्चना करें और देव की मूर्ति पर सिंदूर का लेपनकर उनपर लाल वस्त्र अर्पित करें।
10. अपने से बड़ों को सदा आदर-मान देकर उनका आर्शीवाद लिया करें।

1.  पीपल का वृक्ष लगाएं और उन पर जल दिया करें।
2.  अपने पिता के वस्त्र और बिस्तर का प्रयोग करें।
3.  अपने साथ सदैव एक पीला रूमाल रखें।
4.  असहाय की सदा सहायता करें।
5.  बहते पानी में तांबे का सिक्का प्रवाहित करें।
6.  तीर्थ स्थलों की यात्रा करें।
7.  आलू, दही और घी का दान करें।
8.  सोने का कोई आभूषण धारण करके रखें।
9.  सदाचार के नियमों का सदैव पालन करें।
10. गुरूवार का व्रत करें।
11. साधु-संतो को कभी घर से खाली हाथ न जाने दें। मन से उनकी सेवा करें।

1.  मिट्टी के एक पात्र में शहद भरकर वीरानें में कहीं दबाएं।
2.  सोने को केसर के साथ रखें।
3.  मांस-मदिरा का सेवन न करें।
4.  बंदरों को गुड़ और चना दें।
5.  मजदूर वर्ग के लोगों को भोजन करवाएं।
6.  जल में दूध गिराएं।
7.  एक डक्कन शराब बहते हुए पानी में प्रवाहित करें।
8.  बांसुरी में मीठा भरकर वीराने में कहीं दबाएं।
9.  बादाम मन्दिर में प्रसाद स्वरूप चढ़ाएं और उनमें से कुछ वापस लेकर घर में रख लें।
10. सांप को दूध पिलाएं।
1.  मांस-मदिरा का सेवन न करें।
2.  पानी में कुछ बूदें दूध की डालकर उससे स्नान किया करें।
3.  भैरव जी को शराब अर्पित करें।
4.  चांदी का एक चौकोर टुकड़ा गले में धारण करें।
5.  गाय की सेवा करें। उसको गुड़ और रोटी खिलाएं।
6.  केसर और हल्दी का तिलक करें।
7.  अपने पास चांदी का एक चौकोर टुकड़ा रखा करें।
8.  शनिवार को तेल का दान करें।
9.  सांप को दूध पिलाएं।
10. ऐसे मकान में न रहें जो दक्षिण मुखी हो।
11. शनिवार का उपवास करें।

1.  घर के सामने सड़क पर कोई भी गढ्ढा न रखें।
2.  केसर अथवा हल्दी का तिलक करें।
3.  पीपल का वृक्ष लगाएं और उसकी सेवा करें।
4.  सोने को पीले रंग के कपड़े में लपेटकर रखें।
5.  साधु और संतो की सदैव सेवा करें। और उनका आर्शीवाद लें।
6.  नंगे पैर स्नान न करें।
7.  किसी से भी सहायता न लें अपने भाग्य पर आस्थावान रहें।
8.  गुरूवार का उपवास रखें।
9.  चने की दाल, बेसन और हल्दी का दान करें।
10. महिलाओं का आदर करें।
11. दुर्गा सप्तशती का पाठ करें।
12. कुआरी कन्याओं में प्रसाद वितरित करें।

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